Environment
महुआ – भारत की जनजातीय आबादी के लिए वरदान
Picture Source : https://www.aranyapurefood.com/blogs/news/mahua-tree-kalpvriksra-of-tribal-area https://www.sourcedjourneys.com/post/the-tree-of-life http://anyflip.com/zptxm/ambt मधुका लॉन्गीफोलिया अथवा इंडियन बटर ट्री जिसे सामान्य भाषा में महुआ कहते हैं सैपोटेसी परिवार का एक महत्वपूर्ण वृक्ष है । यह वृक्ष मध्य भारतीय राज्यों की जनजातीय आबादी के लिए सामाजिक तथा आर्थिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है । भारत में यह वृक्ष मुख्य रूप से पश्चिमी, मध्य तथा दक्षिणी भारत के अर्ध-पर्णपाती शुष्क वनों में पाया जाता है तथा इसका विस्तार मुख्यतः आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में है । यह एक बहुउद्देशीय वृक्ष है जिससे भोजन, ईंधन, लकड़ी, हरित खाद, तेल, खली, शराब प्राप्त होती है तथा यह अनेक उत्पादों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराता है। वृक्ष विवरण महुआ एक मध्यम से बड़े आकार का पर्णपाती एवं तीव्रता से बढ़ने वाला वृक्ष है जिसकी ऊँचाई 20-25 मीटर तक हो सकती है। इसकी लकड़ी कठोर से अति कठोर श्रेणी की होती है जिसमें सैपवुड की मात्रा अधिक होती है तथा हार्डवुड भूरे-लाल रंग की होती है । पत्तियाँ जो शाखाओं के सिरों के पास एकत्रित होती हैं, अण्डाकार या लंबाकार-अण्डाकार, चिकनी तथा रोमरहित होती हैं। युवा पत्तियाँ गुलाबी-लाल और निचली सतह पर रोमिल होती हैं। फूल सफेद-क्रीम रंग के तथा ट्यूबुलर ...
रोडोडेंड्रोन नीवियम (Rhododendron niveum)- सिक्किम का राज्य वृक्ष
[ Picture Source : https://www.treesandshrubsonline.org/articles/rhododendron/rhododendron-niveum/ ] स्थानीय नाम: ह्युनपाटे गुरांस परिवार: एरिकेसी कॉमन नाम: रोडोडेंड्रोन (इंग्लिश); बुरांस (कुमाऊनी); गुराँस (नेपाली) पाया जाता है: 3000-3700 मीटर की ऊंचाई पर IUCN स्थिति: गंभीर रूप से लुप्तप्राय (Critically Endangered (CR)) रोडोडेंड्रोन नीवियम का स्थानीय नाम से ह्युनपाटे गुरांश है। मूल रूप से यह केवल उत्तरी सिक्किम में लाचुंग के ऊपर शिंगबा रोडोडेंड्रोन अभयारण्य के आसपास पाया जाता था। यह सिक्किम की संस्कृति की खूबसूरती, सुघड़ता और दृढ़ता का प्रतिनिधित्व करता है इस लिए इसे सिक्किम के ‘राज्य वृक्ष’ होने का का दर्जा प्राप्त है। रोडोडेंड्रोन नीवियम के विषय में: रोडोडेंड्रोन नीवियम या Bell Snow Rhododendron एक छोटा पेड़ है जो 2-6 मीटर तक ऊँचा होता है। इसमें अनोखे धुएँ के रंग के नीले या बैंगनी- मॉव रंग के फूल होते हैं और पत्तियों के निचले हिस्सों में बर्फ के समान सफेद रंग होता है। नीवियम रोडोडेंड्रोन की प्रजाति का नाम लैटिन शब्द “निवेस” से लिया गया है जिसका अर्थ बर्फीला या बर्फ जैसा सफेद। इस पौधे के फूल गोलाकार घने 15-20 के गुच्छे में लगते हैं, जिनके बीच में पीला मखमली रंग होता है। फूल अप्रैल-मई में आते हैं और फल जुलाई के माह मे । युवा अंकुर भूरे हरे, ...
ईएसजी रिपोर्टिंग में डाटा प्रबंधन की भूमिका
[ Picture Source : https://community.nasscom.in/communities/ai/how-ai-can-help-esg-data-standardization-bfsi ] पर्यावरणीय (Environmental), सामाजिक (Social) और गवर्नेंस (Governance) अर्थात ‘ईएसजी रिपोर्टिंग’ एक मापदंड है जिसका उपयोग किसी कंपनी के व्यावसायिक कार्यप्रणाली की स्थिरता (Sustainability) को प्रभावी करने वाले मूल गैर-वित्तीय तत्वों के प्रदर्शन (परफॉर्मेंस) का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। यह व्यावसायिक जोखिमों और अवसरों को मापने का तरीका भी प्रदान करता है। पूंजी बाजारों में कुछ निवेशक कंपनियों का मूल्यांकन करने और निवेश योजनाओं को निर्धारित करने के लिए ईएसजी रिपोर्ट का उपयोग करती हैं। ईएसजी रिपोर्ट में प्रदान किए गए विवरणों से निवेशकों को कंपनियों की पहचान करके निर्णय लेने में सक्षमता प्राप्त होती है। इस रिपोर्टिंग या प्रदत्त विवरणों से कंपनी को अपनी कार्य-प्रणाली में मौजूद अच्छाई व कमी का भी आकलन करने में सहजता होती है एवं मूल्यांकन के आधार पर यदि आवश्यकता हो तो समय रहते सुधार किया जा सकता है। कंपनी की ‘ईएसजी (ESG) रिपोर्टिंग’ के लिए ‘ग्लोबल रेपोर्टिंग इनिसिएटिव (जीआरआई)’ स्टैंडर्ड एवं सेबी (SEBI) के निर्धारित फ़ारमैट में ‘ईएसजी (ESG) के प्रमुख कारक व संकेतक के बारे में वित्त-वर्ष के अनुसार वृहद डाटा की आवश्यकता होती है। इस डाटा के विश्लेषण व विवेचना के अनुसार कंपनी की Sustainability Report एवं बीआरएसआर तैयार किया जाता ...