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महासीर मछलियों का संरक्षण
आलेख: डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी, महाप्रबंधक (पर्या.); डॉ. सुजीत कुमार बाजपेयी, उप-महाप्रबंधक (पर्या.) ; मनीष कुमार, सहा. प्रबंधक (मत्स्य) [पर्यावरण एवं विविधता प्रबंधन विभाग, निगम मुख्यालय, फरीदाबाद] महासीर Cyprinidae कुल में कार्प प्रजाति की मीठे पानी में पायी जाने वाली एक बड़ी एवं कठोर स्वभाव की क्रीड़ा मछली (Sport fish) मानी जाती है। ये प्रायः हिमालय से निकलने वाली नदियों और सहयाद्रि पहाड़ों से निकलने वाली अन्य नदियों में निवास करती हैं तथा अधिक ऑक्सीजन, भोजन एवं प्रजनन के लिए नदियों में चट्टानी सतह की ओर तेजी से आगे बढ़ती हैं। ये दुनिया में पाये जाने वाली 20 बड़ी प्रजातियों की मछलियों में से एक है, और इनकी अधिकतम लम्बाई 9 फुट और वजन 35-45 किलोग्राम रिकॉर्ड किया गया है, हालाँकि इस आकार की मछलियाँ शायद ही कभी दिखायी देती हैं। औसतन 5 से 8 किलोग्राम की मछली भारतीय नदियों में प्रायः देखने को मिल जाती हैं। वितरण: दुनिया में मौजूद महासीर की कुल 47 प्रजातियों में से भारत में केवल 15 प्रजातियाँ पायी जाती हैं, जिनमें Tor putitora (गोल्डेन महासीर), Tor tor (टौर महासीर), Tor khudre (डेक्कन महासीर), Tor mussullah (हम्पबैक महासीर), Tor kulkarnii (ड्वॉर्फ महासीर), Tor progeneius (जंघा महासीर), Tor mosal (कॉपर महासीर), Tor ...
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