Environment
पांगी घाटी में एनएचपीसी का प्रवेश
Image Source: https://i.ytimg.com/vi/V8UH0TJ36lw/maxresdefault.jpg पांगी घाटी : संक्षिप्त विवरण हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा का उपमण्डल पांगी जनजातीय क्षेत्र में आता है जिसका मुख्यालय किलाड में स्थित हैI किलाड समुद्रतल से 14500 फुट की ऊंचाई पर देश के मानचित्र में 32°-33" से 33°-19" उत्तरी आंक्षाश तथा 76°-15" से 77°-21" देशान्तर रेखाश के मध्य स्थित है। पांगी घाटी समुद्रतल से 2000 से 4000 मीटर तक की ऊंचाई पर स्थित है। इस घाटी का कुल क्षेत्रफल लगभग 1601 वर्ग कि.मी. है, जिसमें से लगभग 82% क्षेत्रफल पर वन, नदियां, नाले ,बडी चट्टानें, पहाड़ इत्यादि है। शेष 18% क्षेत्र आवासीय, कृषि योग्य एवं घास के मैदान हैं । यह जनपद पहाड़ी एवं प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर है। पीर पंजाल व जांसकर की पहाड़ियों के बीच में स्थित यह मनमोहक क्षेत्र चन्द्रभागा (चिनाब) नदी के दोनों ओर फैला हुआ है। पांगी घाटी बहुत सुन्दर है। ऊँची-ऊँची पहाड़ों की चोटियां के बीच में कल-कल बहती चन्द्रभागा नदी मन मोह लेती है। यह घाटी गर्मियों में जितनी रमणीय एवं चहल-पहल युक्त लगती है, सर्दियों में कड़ाके की ठंड से उतनी ही कठिन, भयावह एवं सूनी-सूनी हो जाती है। यहां की अपनी अलग लोक-संस्कृति, भाषा, धर्म, प्रथाएं एवं परम्पराएं हैं। पांगी क्षेत्र का रहन-सहन, ...
एनएचपीसी निगम मुख्यालय, फरीदाबाद में “विश्व पर्यावरण दिवस 2022” व “आज़ादी का अमृत महोत्सव” के अवसर पर पौधारोपण कार्यक्रम
एनएचपीसी निगम मुख्यालय, फरीदाबाद में “विश्व पर्यावरण दिवस 2022” व “आज़ादी का अमृत महोत्सव” के अवसर पर पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष आयोजित होने वाले विश्व पर्यावरण दिवस का theme “ Only One Earth” “Living Sustainably in Harmony with Nature” है जो इस तथ्य पर प्रकाश डालता है कि हमारे ग्रह के सीमित प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षण करना अति महत्वपूर्ण है। एनएचपीसी के विभिन्न परियोजनाओं में #Only One Earth के संदेश का प्रचार व प्रसार हेतु विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए । निगम मुख्यालय में “विश्व पर्यावरण दिवस 2022” व “आज़ादी का अमृत महोत्सव” के अवसर पर को होने वाले पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ दिनांक 06.06.2022 को श्री ए. के. सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी की अध्यक्षता में श्री वाई. के. चौबे, निदेशक (तकनीकी), श्री आर. पी. गोयल, निदेशक (वित्त), श्री ए. के. श्रीवास्तव, मुख्य सतर्कता अधिकारी एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पौधारोपण कर के किया गया। पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान आम, अनार, चीकू, नींबू, अमरूद इत्यादि फलदार पौधे लगाए गए। आज़ादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर एनएचपीसी निगम मुख्यालय तथा विभिन्न परियोजनाओं में 6-9 जून, 2022 के दरम्यान 1500 पौधे विभिन्न प्रजातियों के लगाए गए।
पर्यावरण वार्ता (अंक : 18)
इन दिनो, हिंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है, मैं इस ब्लॉग के सभी पाठकों को इस अवसर पर शुभकामनायें देता हूँ। निस्संदेह स्वाधीनतापूर्व के कवि भारतेंदु ने जो कहा था, वह आज भी प्रासंगिक है कि “निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल”। अपनी भाषा में हम अधिक स्पष्टता से अभिव्यक्त होते हैं, यही कारण है कि हिंदी हमारे गौरव की भाषा है। गर्व इसलिये भी चूंकि आज हिंदी विश्व में तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया । इसी दिवस संविधान सभा ने भी एक मत से ‘हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में’ भारत की कार्यकारी और राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान की धारा 343 (1) में हिन्दी को संघ की राजभाषा और देवनागरी लिपि के प्रयोग करने के विचार को मंजूरी दी गई। चूंकि यह यात्रा 14 सितंबर की तिथि से ऐतिहासिक सह-सम्बंध रखती है, इसी दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह प्रश्न उठता है कि विविधताओं भरे देश में हिंदी की आवश्यकता क्या है? वस्तुत: पराधीनता से पूर्ण मुक्ति तभी सम्भव है जब हमारी प्राथमिकता में अपनी मिट्टी, अपने लोग और अपनी ...