Environment
पर्यावरण वार्ता (अंक 8 )
भारत सरकार ने 2-अक्टूबर अर्थात महात्मा गांधी की एक सौ पचासवीं जयंती के अवसर से एकल प्रयोग प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इस आलोक में प्लास्टिक का प्रयोग, उसकी उपादेयता, पर्यावरण पर प्रभाव तथा विकल्पों पर गंभीर विमर्श की आवश्यकता है। विश्व मे प्लास्टिक का वार्षिक उत्पादन तीन हजार-लाख टन से अधिक है, अर्थात वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्लास्टिक का योगदान खरबों डॉलर का है। ऐसे में यह समझना कठिन नहीं है कि पर्यावरण का नुकसान अर्थशास्त्र के हिसाब-किताब में समृद्धि की तरह दर्ज किया जाता है। प्लाटिक कचरे से निजात पाने के अब तक जो भी प्रयास किए गए हैं वे कतिपय पंचायतों, नगरों, शहरों अथवा कुछ जागरूक देशों के निजी हैं, जबकि इस समस्या का निदान पूरे विश्व को एक साथ ही निकालना होगा। हमें सतत विकास की परिभाषा को सम्मुख रख कर यह विचार करना होगा कि आने वाली पीढ़ी के लिए हम प्लास्टिक से अटी धरती छोड़ जाना चाहते हैं अथवा हमारे पास समाधानों के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण भी है? विचार करें कि क्यों पैकेजिंग, खानपान, शल्य चिकित्सा, स्वच्छता से जुड़े कार्यों/वस्तुओं के लिये प्लास्टिक पदार्थों का उपयोग अब भी युक्तिसंगत माना जाता है? हम क्यों यह विचार नहीं करते कि अल्पकालिक ...
Let health care reach all the new born and their mothers, this Gandhi Jayanti
image source = https://www.thehindu.com/children/messenger-of-peace/article22520662.ece Odisha, along with some other states in our country occupies the distinction of being the worst performer states in terms of infant mortality, neo-natal mortality and maternal mortality. This report featured in one of the popular magazines must have compelled some of the thinkers of our times to scratch their heads as to what went wrong during these years after independence .Indian intelligentsia, has proved its mettle in many areas both at national and international level but news reports of this kind makes us think and rethink several times about our progress in real terms. In this context, it reminds me the words which once said by father of our nation Mahatma Gandhi that all our acts and actions shall be deemed fruitful only when they have benefited the lowest strata of our society. Now, as we are going to celebrate ‘Gandhi Jayanti’ the 150 th birthday of one of the rarest of rare personalities the world has ever seen. Mohandas Karamchand Gandhi, born on 2nd October 18 69 in Porbandar , Gujarat ; lawyer, anti-apartheid crusader, anti-colonial activist founder of non-violent movement all amalgamated into one , though popularly known for his profound contribution ...
मावल्यान्नॉग : एशिया में स्वच्छतम एक भारतीय गाँव
एशिया का सबसे साफ-सुथरा गाँव भारत में है इस बात का गर्व किसे नहीं होगा? मेघों की धरती मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में अवस्थित एक छोटा सा गाँव मावल्यान्नॉग अब एक पर्यटक स्थल में परिवर्तित हो गया है। जिस बात ने मुझे सर्वाधिक प्रभावित किया वह था किसी गाँव की स्वच्छता को देखने के लिये विकसित हुआ पर्यटन। पन्चानबे परिवारों का गाँव जिसकी कुल आबादी लगभग पाँच सौ व्यक्ति है, उन्होंने ऐसा क्या विशेष किया है जिसके कारण उन्हें एशिया के नक्शे पर महत्वपूर्ण स्थान हासिल हुआ। यह बात भी सु:खद है कि इस गाँव की एक बड़ी विशेषता मातृसत्तात्मक परम्परा तो है ही यहाँ का प्रत्येक व्यक्ति साक्षर भी है। गाँव में प्रवेश करने से पूर्व ही एक दृष्टि डालने पर बहुत सी बाते स्पष्ट हो जाती हैं। पहली यह कि परम्परा और आधुनिकता का बेहतर समायोजन किया गया है इसलिये सडक में निश्चित दूरी पर सौर ऊर्जा से चलने वाली लाईटें लगाई गयी हैं साथ ही प्रत्येक कुछ कदम पर बाँस के तिकोने आकार के टोकरे भी आपको लटके हुए मिलेंगे जिसे आप कूडादान कहते हुए एकबार हिचकेंगे अवश्य। इन कचरा-कूडा सहेजने के लिये लगायी गयी बाँस की टोकरियों ने गाँव की कलात्मक अभिरुचि को अभिव्यक्त ...