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पर्यावरण शब्दकोष (8)

Image source : https://www.motherearthnews.com/nature-and-environment/preserving-biodiversity-zmaz81mjzraw क्र. शब्द                                                         अर्थ 1 चेरनोबिल रेडियोधर्मी आपदा (Chernobyl Radioactive Disaster ) 1986 में  यूक्रेन के चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र की दुर्घटना एक दोषपूर्ण रिएक्टर डिजाइन का परिणाम थी जो अपर्याप्त प्रशिक्षित कर्मियों के साथ संचालित की गई थी। दुर्घटना के  परिणामस्वरूप विस्फोटक  भाप और आग के साथ रेडियोधर्मी रिएक्टर के 190 मीट्रिक टन यूरेनियम का 30 प्रतिशत पर्यावरण में फ़ैल गया , और सोवियत संघ ने अंततः रिएक्टर के चारों ओर 19 मील-चौड़ा "अपवर्जन क्षेत्र" स्थापित करते हुए 3,35,000 लोगों को विस्थापित किया था । दुर्घटना की रात विस्फोट के कारण चेरनोबिल संयंत्र के  दो श्रमिकों की मृत्यु हो गई और तीव्र विकिरण सिंड्रोम के परिणामस्वरूप कुछ ही हफ्तों में 28 और लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से अधिक घायल हुए थे । वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दुर्घटनाग्रस्त संयंत्र के चारों ओर का क्षेत्र 20,000 वर्षों तक रहने योग्य नहीं होगा। 2 चरमोत्कर्ष समुदाय (Climax community) चरमोत्कर्ष समुदाय (Climax community) शब्द का उपयोग किसी पारिस्थितिक समुदाय के  उत्तरवर्तन  (succession)  के अंतिम चरण को व्यक्त करने ...

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 |    February 23, 2021

एनएचपीसी में रिमोट सेंसिंग तथा जीआईएस प्रयोगशाला का उद्घाटन

  एनएचपीसी, निगम मुख्यालय में दिनांक 14/01/2021 को ‘रिमोट सेंसिंग तथा जीआईएस प्रयोगशाला’ का उद्घाटन श्री ए.के. सिंह, सीएमडी, एनएचपीसी द्वारा सभी निदेशकगणों और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।   इस अवसर पर श्री ए.के. सिंह ने कहा कि एनएचपीसी आधुनिक तकनीकों के प्रयोग के लिये हमेशा प्रतिबद्ध रहा है और यह प्रयोगशाला हमारे निगम की पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करती है तथा निगम में अंतरिक्ष चित्रों के माध्यम से  पर्यावरण की बेहतर मॉनिटरिंग  और अध्ययन संभव हो सकेगा।   अपने स्वागत उद्बोधन में कार्यपालक निदेशक श्री एन एस परमेश्वरण ने यह जानकारी प्रदान की कि विभाग द्वारा प्रयोगशाला का आरम्भ करने के साथ ही रिसर्च एवं डेवलपमेंट के तहत दो परियोजनाओं को अध्ययन के लिये लिया है- पहली: “रंगित परियोजना का निर्माण पश्चात आंकलन और अंतरिक्ष चित्र आधारित पर्यावरण अध्ययन।“ दूसरी: “परियोजना के तहत सेवा-II परियोजना का सामाजिक-आर्थिक अध्ययन” किया जा रहा है।   इसी कड़ी में श्री गौरव कुमार, उप महाप्रबंधक (पर्यावरण) ने “रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस प्रयोगशाला की स्थापना एवं उपयोगिता पर एक प्रस्तुति प्रदान की जिसमें समग्रता से प्रयोगशाला के उद्देश्य, संचालित परियोजनायें व अब तक किये गये कार्यों की क्रमवार जानकारी प्रदान की गयी।  कार्यक्रम का समापन में श्री वी ...

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 |    February 23, 2021

इस अंक की तस्वीर

एनएचपीसी  के निगम मुख्यालय में दिनांक 14/01/2021 को पर्यावरण एवं विविधता प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित ‘रिमोट सेंसिंग तथा जीआईएस प्रयोगशाला’ का उद्घाटन करते हुए श्री ए.के. सिंह, सीएमडी, एनएचपीसी

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 |    February 23, 2021

इस अंक की तस्वीर

Orchid : Dendrobium anceps Sw.     उपरोक्त तस्वीर एनएचपीसी के तीस्ता लो डैम-III एवं IV परियोजनाओं के अंतरगर्त स्थापित ऑर्किडेरियम (Orchidarium) एवं वनस्‍पतिशाला (Arboretum) में पुन : स्थापित किए गए जंगली ऑर्किडस में से एक ऑर्किड नामत: Dendrobium anceps Sw. की है। यह ऑर्किडेरियम/वनस्‍पतिशाला वन्यजीव/जैव विविधता संरक्षण योजना के अंतर्गत ‘रियांग, दार्जलिंग जिला, पश्चिमी बंगाल’ में दार्जिलिंग वन विभाग एवं नॉर्थ बंगाल विश्व विद्यालय के माध्यम से विकसित किया गया है । ऑर्किड की यह प्रजाति 200 से 1400 मीटर की ऊंचाई पर असम, बांग्लादेश, पूर्वी हिमालय, नेपाल, भूटान, सिक्किम, अंडमान द्वीप समूह, म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, निकोबार द्वीप समूह और वियतनाम में उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण घाटियों में पाया जाता है। एक फूल आमतौर पर कुछ हफ़्ते तक रहता है। फूल में एक अलग खुशबू (एप्पल-पाई की तरह ) पाई जाती है । इसके फूल सुबह में सुगंधित होते हैं। Dendrobium anceps Sw.  को उनके सुंदर पर्णसमूह के लिए भी जाना जाता है। इस खूबसूरत आर्किड के अस्तित्व के लिए, संरक्षण कार्य करना आवश्यक है।   रितुमाला गुप्ता, वरिष्ठ प्रबंधक (पर्यावरण)

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 |    November 9, 2020

पर्यावरण वार्ता (अंक 13 )

  पर्यावरण ब्लॉग के नवीन अंक में हम सतत विकास की संकल्पना पर बात करते हैं। संज्ञान में लें कि पर्यावरण और विकास की बहस बहुत पुरानी है तथा दोनों को एक-साथ देखने की दृष्टि ही सतत विकास की अवधारणा है। पहले ही महात्मा गाँधी ने भांप कर कहा था कि “प्रकृति प्रत्येक मनुष्य की आवश्यकता पूरी कर सकती है, लेकिन एक भी मनुष्य के लालच को वह पूरा नहीं कर सकती”, इसे समझते हुए  यदि गंभीरतापूर्वक देखें तो वैश्विक स्तर पर सतत विकास की अवधारणा का जन्म पर्यावरण की चिंताओं के दृष्टिग्त नहीं हुआ है। प्रकृति ने स्वयं अवरोध उत्पन्न किये कि विश्व को अपनी हवा, अपने पानी और अपनी मिट्टी की चिंता  करने के लिये मजबूर होना पड़ा। इस बाध्यता का कारण भी बाजार के हित में ही अंतर्निहित था। व्यापारी हो चुके राष्ट्रों को अपने आर्थिक लाभ प्रभावित होने और उत्पादन प्रणालियों के बंद हो जाने का भय सताने लगा था। जिन राष्ट्रों की पूर्ण निर्भरता अपने औद्योगिक उत्पादनों पर थी वे अब ऐसी तकनीक चाहते थे जो विकास का पहिया भी न रुकने दे और उनके कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों की कुछ रोकथाम भी सम्भव हो।   उत्पादों के द्वितीयक प्रभावों ने भी उत्पादक राष्ट्रों की चिंता बढा दी ...

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 |    November 9, 2020

Frequently Asked Questions (FAQs) 5

Image Source = https://www.eagrovision.com/wp-content/uploads/2019/09/15632752926.jpg   GREENHOUSE GASES AND GLOBAL WARMING    Q. What are Greenhouse Gases? Greenhouse gases are gases in Earth’s atmosphere that trap heat. They let sunlight pass through the atmosphere, but they prevent the heat that the sunlight brings from leaving the atmosphere. The main greenhouse gases are: Water vapor Carbon dioxide Methane Ozone Nitrous oxide Chlorofluorocarbons   Q. What is the Greenhouse Effect? The greenhouse effect is a process that occurs when gases in Earth's atmosphere trap the Sun's heat. This process makes Earth much warmer than it would be without an atmosphere. The greenhouse effect is one of the things that makes Earth a comfortable place to live.   Q. How does the Greenhouse Effect work? As you might expect from the name, the greenhouse effect works like a greenhouse. A greenhouse is a building with glass walls and a glass roof. Greenhouses are used to grow plants, such as tomatoes and tropical flowers. A greenhouse stays warm inside, even during the winter. In the daytime, sunlight shines into the greenhouse and warms the plants and air inside. At night time, it's colder outside, but the greenhouse stays pretty warm inside. That's because the glass walls of ...

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 |    November 9, 2020

Bhringaraj – the little hairy daisies

image source : https://kalakkalsamayal.blogspot.com/2014/03/bhringaraj-thuvaiyal.html   Nomenclature Scientific Name: Eclipta prostrata (Eclipta alba – old) Hindi & Sanskrit: Bhringaraj English: False daisy Tamil: Karisalankanni Ever noticed those little daisies among the weeds? A small herbaceous plant with flowers that look like tiny replicas of the white daisies and asters. With a white and green centre and hairy white little petals closely arranged. If yes, you are looking at the best ever medicine in Ayurved for growing good hair. Commonly called in English as false daisy, Bhringaraj or Eclipta prostrata is considered to be an all in one solution for hairfall, hair growth as well as for a good black colour and texture for hair. Wherever the moms know it, they make special oils for daughters by cooking coconut oil with a paste of bhringaraj leaves, for good hair growth. Bhringaraj is a commonly used ingredient in commercial ayurvedic hair oils as well. But the plant is such a common plant that anybody who has the slightest interest in plants would not miss those tiny little white flowers that grow among weeds in moist places. The plant flourishes at places which are always moist – near paddy fields, drains, and in kitchen backyards ...

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 |    November 9, 2020

पर्यावरण शब्दकोश (7)

Image Source : http://www.kopin.org/food-for-thought/#post/0   क्र. शब्द अर्थ 1 कच्छ (Swamp/Marsh)   यह भूमि का वह क्षेत्र है जो स्थायी रूप से संतृप्त या पानी से भरा होता है। यह मुख्यत: दो प्रकार का होता है- मीठे पानी का कच्छ/दलदल और खारे पानी का दलदल। मीठे पानी के दलदल आमतौर पर अंतर्देशीय, जबकि खारे पानी के दलदल तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। दलदल संक्रमण क्षेत्र हैं। ये न तो पूरी तरह से भूमि हैं और न ही पूरी तरह से पानी। इन्हें अक्सर उन प्रकार के पेड़ों से नामित किया जाता है जो उनमें उगते हैं- जैसे कि सरू के दलदल  (cypress swamp)  या कठोर लकड़ी के दलदल (hardwood swamp) ।   2 क्लोरोफ्लोरोकार्बन (Chlorofluorocarbon)   क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) कार्बन, फ्लोरीन और क्लोरीन के परमाणुओं से युक्त गैर-विषाक्त व गैर-ज्वलनशील रसायन है। इसका उपयोग एरोसोल स्प्रे के निर्माण, फोम और पैकिंग सामग्री के एजेंटों में तथा रेफ्रिजरेंट और  सॉल्वैंट्स के रूप में किया जाता है।  क्लोरोफ्लोरोकार्बन में मौजूद क्लोरीन परमाणु वायुमंडलीय ओजोन के साथ प्रतिक्रिया कर ओजोन अणुओं के ऑक्सीजन में रूपांतरण का कारण बन, पृथ्वी की ओजोन परत को नुकसान पहुंचाते हैं । सीएफसी के उपयोग पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल द्वारा वैश्विक प्रतिबंध लगाया गया है।   3 खाद (Compost /manure) ...

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 |    November 9, 2020