Environment

एनएचपीसी, निगम मुख्यालय में विश्व-पर्यावरण दिवस 2019 का आयोजन

एनएचपीसी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस 2019 का समारोहपूर्वक आयोजन किया गया। इस अवसर पर निगम मुख्यालय, फरीदाबाद के कार्यालय परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री बलराज जोशी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक; श्री रतीश कुमार, निदेशक (परियोजनाएँ) तथा श्री एम. के. मित्तल, निदेशक (वित्त) सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारियों ने इस अवसर पर पौधारोपण किया। एनएचपीसी की विभिन्न परियोजनाओं मे भी विश्व पर्यावरण दिवस सोल्लास मनाया गया। यह विश्व पर्यावरण दिवस, वायु प्रदूषण के प्रति बढ़ती चिंताओं के दृष्टिगत मनाया गया। निगम मुख्यालय में वृक्षारोपण तथा परियोजनाओं में आयोजित विविध कार्यक्रम, संस्था की पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं।

 June 7, 2019


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पर्यावरण वार्ता (अंक 4 )

पर्यावरण को ले कर हमारी सजगता प्राचीन समय से ही है। इसकी प्राथमिक समझ तो हमारी प्राचीन पुस्तकें ही करा देती हैं जहाँ वे शरीर को जिन पाँच तत्वों की समिष्टि बताती हैं अर्थात धरती, जल, अग्नि, आकाश तथा वायु; वस्तुत: ये सभी तत्व सम्मिलित रूप से पर्यावरण शब्द की सही परिभाषा निर्मित करते हैं और यह भी बताते हैं कि शरीर की कोशिका जैसे सूक्ष्म तत्व से ले कर अंतरिक्ष की विराटता तक सब कुछ पर्यावरण शब्द के भीतर समिष्ठ हो जाता है। अथर्ववेद मे कहा गया है कि भूमि हमारी माता है। हम पृथ्वी के पुत्र हैं। मेघ हमारे पिता हैं, वे हमें पवित्र करते हुए पुष्ट करें -  मात्य भूमि पुत्रो अहम पृथिव्या। पर्जन्य पिता स उ ना पिपर्तुम। ऋग्वेद में ही उल्लेख है कि पृथ्वी, अंतरिक्ष एवं द्युलोक अखंडित तथा अविनाशी हैं। जगत का उत्पादक परमात्मा एवं उसके द्वारा उत्पन्न यह जीव जगत भी कभी नष्ट न होने वाला है। विश्व की समस्त देवशक्तियाँ अविनाशी हैं। पाँच तत्वों से निर्मित यह सृष्टि अविनाशी है। जो कुछ उत्पन्न हो चुका है अथवा जो कुछ उत्पन्न होने वाला है वह भी अपने कारण रूप से कभी नष्ट नहीं होता है - अदितिधौर्रदितिर न्तरिक्षमदितिर्माता स पिता स पुत्र:। विश्वे ...

 May 20, 2019


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बच्चों के नन्हे प्रयास और पर्यावरण संरक्षण

  Photo Source = https://www.123rf.com/photo_74350708_stock-vector-set-of-cute-kids-volunteers-save-earth-waste-recycling-girls-planted-and-watering-young-trees-kids-g.html   पर्यावरण ऊर्जा टाइम्स  (अंक जुलाई - 2018) में प्रकाशित     हर वर्ष 5 जून को संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2018 के आयोजन का विषय था – बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन अर्थात प्लास्टिक प्रदूषण को परास्त करें। यह विश्व पर्यावरण दिवस और भी खास रहा क्योंकि आयोजन की मेजबानी भारत देश ने की। वर्ष 1972 में स्टॉकहोम सम्मेलन के पहले दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस मनाये जाने की घोषणा हुई एवं इसके दो वर्षों के बाद वर्ष 1974 में पहली बार “केवल एक धरती” विषय वस्तु पर केंद्रित विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। तब से इन चवालिस वर्षों में निरन्तर विभिन्न विषयवस्तुओं पर केंद्रित आयोजनों के द्वारा पृथ्वी को बचाने की मुहिम चल रही है।  विश्व पर्यावरण दिवस अब जन जागरूकता कार्यक्रम के रूप में विश्वव्यापी स्वरूप ले चुका है।   पर्यावरण संवर्धन की दिशा में अब सचेत होने की हमारी बाध्यता का प्राथमिक कारण है जलवायु परिवर्त्तन के अपेक्षित दुष्परिणामों का परिलक्षित होना। जो द़ृश्य लगभग दो-तीन  दशकों पहले हौलीवुड की फिल्मो में नज़र आते थे, अब रोज़ ही विश्व के किसी ना किसी कोने में साक्षात हो रहे हैं। असाधारण गर्मी, असाधारण ...

 May 20, 2019


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