NHPC Blog

An eco-friendly wedding

  The colourful flowers and petals, vibrant themes, swinging chandeliers and happily ever after chants that fill the air with love and laughter brings the onset of wedding season in India.  Amidst sonorous and booming musical tones coming from life sized speakers the concept of an eco-friendly wedding becomes just a meagre whisper. A tonne of waste is produced through decorative items, food, disposable plates, cups, used tissues, etc. Colossal amount of plastic waste, food waste, food leftover is generated during such ceremonies. As we know plastic takes hundreds of years to decompose, generating more of it has lead to man-made mountains of waste and at some places reaching the height of Qutub Minar in Delhi. Inappropriate knowledge on how to organize various associated events in an environment friendly manner ultimately leads to causing harm to the environment and indirectly to us. Unfortunately, the fact regarding indirect harm to the mankind is understood by very few. Various steps can be taken at wedding functions to avoid sending waste to the already piling landfills.   A few measures that can be easily adopted in wedding scenes are as under:   Going back to steel : This avoids the use of disposables and hence ...

Category:  Environment


 |    November 9, 2020

पर्यावरण वार्ता (अंक 12 )

कोविड-19 का प्रकोप विश्व में फैलता जा रहा है। प्रतिदिन ग्लोब पर संक्रमित होने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। मानवता को अपेक्षा करनी चाहिए कि जितनी शीघ्रता से हो सके, कोई प्रभावी दवा अथवा टीके का इजाद हो सके और हम कोरोना प्रसारित महामारी से मुक्ति पा सकें। केवल फैलता हुआ संक्रमण ही समस्या नहीं है, लॉकडाउन के कारण कार्यालय, फैक्ट्रियाँ, स्कूल-कॉलेज, यात्रा-परिवहन सब कुछ हाशिये पर है। लोक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था थम गई है। विश्व सबसे बड़ी मंदी की तरफ धकेला जा रहा है, अर्थात किसी भी मोर्चे पर कोई अच्छी खबर नहीं, पर क्या सचमुच ऐसा है?     सभी पर्यावरण शोध संस्थानों का मंतव्य है कि वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन में बड़ी लगाम लग गई है। अमेरिका के न्यूयार्क से ले कर भारत के मुंबई तक प्रदूषण का स्तर पचास प्रतिशत से भी नीचे गिर गया है (बीबीसी हिन्दी)। इसे इन दिनों दिख रहे नीले और चमकीले आसमान से देखा समझा जा सकता है। गंगा और यमुना जैसी देश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियाँ पारदर्शी हो गई हैं। चाँद अधिक चमकीला, तारे अधिक जगमग, फूल अधिक चटखीले और पशु-पक्षी मानव बस्तियों में स्वच्छंद दिखाई पड़ रहे हैं। कई पर्यावरणविदों का मानना है कि यह ...

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 |    July 22, 2020

कोविड-19 : लॉकडाउन और दिनचर्या

Image Source =https://www.lboro.ac.uk/news-events/news/2020/april/coronavirus-lockdown-sleeping-tips/   सोचा नहीं था कभी कि  एक दिन एक खलनायक की कहानी इस तरह से दर्शानी पड़ेगी। आज मानवता के लिए जो सबसे बड़ा खलनायक है वो है कोरोना वायरस (कोविड-19)। कोरोना की कहानी कोई नई नहीं है। इस खानदान के बिगड़ैल वायरसों ने पहले भी कई बार मानव सभ्यता पर हमला किया है, लेकिन हर बार इंसानी जज्बे ने उस पर जीत हासिल की है। मगर हर पराजय के बाद वायरसों ने पहले से ज्यादा शक्ति हासिल कर इंसानों पर हमला किया है। एक बार फिर इस वंश के कोविड-19 ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है।   हमारे भारत देश में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देशहित में 22 मार्च 2020 (01 दिन) को जनता कर्फ़्यू (लॉकडाउन);  तत्पश्चात 25 मार्च से 14 अप्रैल (21 दिन) का लॉकडाउन(1.0); 15 अप्रैल से 03 मई (19 दिन) का लॉकडाउन(2.0); 04 मई से 17 मई (14 दिन) का लॉकडाउन(3.0); पुनः 18 मई से 31 मई (14 दिन)  का लॉकडाउन(4.0) का एलान देशभर में किया गया। लॉकडाउन का मकसद कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकना है। इस दरम्यान लोगों को घरों में रहने को कहा गया।जून 2020 से पुरे देश में अनलॉकिंग की प्रक्रिया विभिन्न चरणों ...

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 |    July 22, 2020

कोरोनाकाल में कुछ कहना चाहती है प्रकृति

Image Source = https://www.newyorker.com/podcast/the-new-yorker-radio-hour/the-coronavirus-and-climate-change-the-great-crises-of-our-time   शहर-दर-शहर सन्नाटे के जंगल बनते जा रहे हैं और हरे भर वन गुलजार हो गये हैं। आदमी घर के भीतर कैद रहने के लिये बाध्य है जबकि पशु-पक्षी मानो जश्न-ए-आजादी मना रहे हैं। घर की खिड़की खोल, जरा सलाखों से बाहर तो देखिये, ऐसा नीला आसमान देखे कितना समय गुजर गया? रात बाहर बालकनी में निकल कर आकाश को निहार, आप पायेंगे कि सितारे कुछ अधिक हैं, मोतियों जैसे जग-मग-जग-मग कर रहे हैं। कोरोना काल में इन्सान बेबस हो गया है जबकि उसका परिवेश और पर्यावरण नये परिधान पहन सजीला-छबीला हो चला है। अपनी जन्मभूमि चीन के वुहान शहर से दुनिया भर में फैला कोरोना वायरस मानव जनसंख्या पर और अर्थव्यवस्था पर चाहे जैसा भी प्रभाव डाल रहा हो, सकारात्मक बात यह है  कि यह विभीषिका जीवन जीने के दर्शनशास्त्र को सामने रख रही है।   धरती यदि बोल पाती तो अवश्य कहती कि उसकी संततियों में से नालायक मनुष्यों को लॉकडाउन में ही रहने की आवश्यकता है। देखो न, वे बंद हैं तो हवा साफ हो गयी, पानी निर्मल हो गया, मिट्टी में जहर घटने लगा। पंजाब के जालंधर में रहने वालों को वहां से हिमाचल प्रदेश में स्थित धौलाधार पर्वत श्रृंखला की चोटियां ...

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 |    July 22, 2020

Photograph of the Week

वनमहोत्सव के अंतर्गत एनएचपीसी में उल्लास से मनाया गया “अपना पेड़ कार्यक्रम”   वनों का संरक्षण-संवर्धन अत्यधिक आवश्यक है इस दृष्टिकोण से एनएचपीसी ने सर्वदा निगम मुख्यालय सहित सभी परियोजना स्थलों में हरीरिमा की अभिवृद्धि में महति योगदान दिया है। इस कड़ी में प्रतिवर्ष जुलाई माह में सोल्लास मनाया जाने वाला वन महोत्सव एनएचपीसी द्वारा समारोहपूर्वक आयोजित किया गया। उल्लेखनीय है कि वन महोत्सव वर्ष 1950 में श्री कन्हैयालाल मुंशी, तत्कालीन केंद्रीय कृषि और खाद्य मंत्री द्वारा आरम्भ कराया गया था। इस उत्सवपूर्ण आयोजन द्वारा यह अपेक्षा की गई थी कि इससे लोगों में वृक्ष लगाने और बचाने की चेतना उत्पन्न होगी। इस आयोजन के तहत देश भर में लोगों द्वारा लाखों पौधे लगाए जाते हैं।   एनएचपीसी निगम मुख्यालय में वन महोत्सव का आयोजन “अपना पेड़ कार्यक्रम” शीर्षक के साथ कॉलोनी परिसर में गेट क्रमांक-1 के निकट किया गया। इस अवसर पर श्री ए के सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदय ने सभी निदेशकगण और वरिष्ठ अधिकारियों एवं उनके परिवारजनों की उपस्थिति में पौधारोपण किया । इसके पश्चात समस्त निदेशकगण एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा स्वयं एवं परिजनों के साथ उत्साहपूर्वक पौधे लगाये गये। तदोपरांत अपना पेड़ कार्यलय परिसर में पौधारोपण किया गया। निगम मुख्यालय के अनेक कार्मिकों ने इस ...

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 |    July 22, 2020

COVID MUSINGS

Image source : https://www.nyoooz.com/features/lifestyle/musings-in-the-times-of-covid-19.html/3479/     As Covid lockdown locks down life at office, morning walks and all frequent and occasional shopping sprees, the immediate realization of the real worth of all that you lived for is astounding. Your big and small vehicles have no use, outfits that were your style statements are wearily gathering dust in the wardrobe, the bank balance finds use only for the essential needs for sustenance. If it was not for those pre-existing loans, all that salary was not really required. You realize, work is indeed possible from home. And work do not really need all that time spent at workplace. As worship sessions in large gatherings cease, the ultimate and noble realization dawns. God do not really need huge structures to delve in. He/she just needs humane hearts.   Even as humans relax and contemplate upon the real worth of all that was sought for, the planet is in recoup mode, and its other species are reclaiming the spaces left vacant by its self-proclaimed supreme being. The air is cleaner, rivers clear of industrial wastes, the humdrum of markets replaced by silences. The country records its best air quality indices of the decade.   When ...

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 |    July 22, 2020

COVID-19: PRECAUTIONS TO BE TAKEN

Image source = https://www.theguardian.com/environment/2020/apr/22/earth-day-bypasses-virus-with-journey-into-gaming-world   We all know due to continuous spread of highly contagious COVID-19, the world is not in a good shape today. Number of reported cases infected with the deadly virus has been on a constant rise throughout the world. The people of our country have been advised to stay home. The country is under lockdown. The world has come to a standstill. Under such a crisis we all need to take care of family and ourselves.   Firstly, it is crucial to understand what COVID-19 is and how it spreads.COVID-19 is a disease caused by a new strain of coronavirus. ‘CO’ stands for corona, ‘VI’ for virus, and ‘D’ for disease. Formerly, this disease was referred to as ‘2019 novel coronavirus’ or ‘2019-nCoV.’ The COVID-19 virus is a new virus linked to the same family of viruses as Severe Acute Respiratory Syndrome (SARS) and some types of common cold.The main causes for its spread are- air by cough or sneeze, personal contact, contaminated objects and mass gatherings. The symptoms include- dry cough, high fever, sore throat and difficulty in breathing.   Following are some facts about COVID-19:   People of all ages CAN be infected by the coronavirus. Older people, and ...

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 |    July 22, 2020

एनएचपीसी के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों में विश्व पर्यावरण दिवस 2020 के आयोजन की झलकियां

क्षेत्रीय कार्यालय, बनीखेत क्षेत्रीय कार्यालय बनीखेत में  विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया |कार्यक्रम में पौधारोपण के साथ सन्देश दिया गया कि विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना तथा लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना है । जैव विविधता को बनाए रखने के लिए  धरती के पर्यावरण का संरक्षण महत्वपूर्ण है। प्रकृति के साथ सद्‍भाव में रहना ही धरती पर भयावह स्थिति से बचने का एकमात्र तरीका है तथा अधिक से अधिक वृक्ष लगा के प्रकृति को हरा–भरा बनाए रखने में योगदान देना चाहिए ।   क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ में विश्व पर्यावरण दिवस, कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी के सभी मानदंडों को ध्यान में रखते हुए मनाया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के आवासीय परिसर सेक्टर 42 ए में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया एवं समस्त अधिकारियों द्वारा पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया गया।     क्षेत्रीय कार्यालय, जम्मू क्षेत्रीय कार्यालय जम्मू में उत्साह के साथ विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन किया गया। पौधारोपण के द्वारा पर्यावरण को और बेहतर करने की दिशा में जागरूकता फैलाई गई। पर्यावरण संरक्षण सबका कर्तव्य है। घरों ...

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 |    June 20, 2020