वनमहोत्सव के अंतर्गत एनएचपीसी में उल्लास से मनाया गया “अपना पेड़ कार्यक्रम”

 

वनों का संरक्षण-संवर्धन अत्यधिक आवश्यक है इस दृष्टिकोण से एनएचपीसी ने सर्वदा निगम मुख्यालय सहित सभी परियोजना स्थलों में हरीरिमा की अभिवृद्धि में महति योगदान दिया है। इस कड़ी में प्रतिवर्ष जुलाई माह में सोल्लास मनाया जाने वाला वन महोत्सव एनएचपीसी द्वारा समारोहपूर्वक आयोजित किया गया। उल्लेखनीय है कि वन महोत्सव वर्ष 1950 में श्री कन्हैयालाल मुंशी, तत्कालीन केंद्रीय कृषि और खाद्य मंत्री द्वारा आरम्भ कराया गया था। इस उत्सवपूर्ण आयोजन द्वारा यह अपेक्षा की गई थी कि इससे लोगों में वृक्ष लगाने और बचाने की चेतना उत्पन्न होगी। इस आयोजन के तहत देश भर में लोगों द्वारा लाखों पौधे लगाए जाते हैं।

 

एनएचपीसी निगम मुख्यालय में वन महोत्सव का आयोजन “अपना पेड़ कार्यक्रम” शीर्षक के साथ कॉलोनी परिसर में गेट क्रमांक-1 के निकट किया गया। इस अवसर पर श्री ए के सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदय ने सभी निदेशकगण और वरिष्ठ अधिकारियों एवं उनके परिवारजनों की उपस्थिति में पौधारोपण किया । इसके पश्चात समस्त निदेशकगण एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा स्वयं एवं परिजनों के साथ उत्साहपूर्वक पौधे लगाये गये। तदोपरांत अपना पेड़ कार्यलय परिसर में पौधारोपण किया गया। निगम मुख्यालय के अनेक कार्मिकों ने इस अवसर पर “अपना पेड़ कार्यक्रम” के अंतर्गत पौधे लगाने के लिये पंजीकरण कराया था, सभी ने अपने परिवार जनों के साथ पौधे लगाये व उन्हें बचाने का संकल्प भी किया। इस अवसर पर लगाये जाने के लिये, विशेष रूप से औषधीय महत्व, फलदार तथा छायादार श्रेणी के पादपों का चयन किया गया जिनमें प्रमुख हैं – आम, आँवला, अनार, अमरूद, नीबू, मौसमी, जामुन, बेल, मुनगा, करीपत्ता, गिलोय, शहतूत, अश्वगंधा, चम्पा, अमलतास, टिकोमा, गुलमोहर, अपराजिता, मधुमालती, रात की रानी, तुलसी आदि। “अपना पेड़ कार्यक्रम” के आयोजन के पीछे विचार यह था कि सभी को कम से कम एक पौधे की देखभाल करनी चाहिए, हरियाली बढ़ानी चाहिए; इस तरह पर्यावरण के लिये छोटा ही सही परंतु अपना योगदान देना चाहिये।