Photograph Source: https://www.thechildrensbookreview.com/weblog/2019/05/5-kids-books-that-celebrate-the-change-of-seasons.html

 

क्र.

सं.

शब्द अर्थ
1 अर्थ ऑवर

(Earth Hour)

प्रतिवर्ष मार्च महीने के अंतिम शनिवार को अर्थ ऑवर मनाया जाता है । इस समय पृथ्वी के दोनों गोलार्द्धों में दिन और रात लगभग बराबर होते हैं जिसके कारण पूरी दुनिया में एक जैसा दृश्यात्मक प्रभाव होता है ।यह एक विश्व स्तरीय अभियान है जिसमें ऊर्जा की बचत हेतु दुनिया भर के लोग एक घंटे तक बिजली बंद रखते हैं। प्रतिवर्ष मार्च महीने के अंतिम शनिवार को साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक बिजली बंद रखी जाती है । सरकारी, गैर सरकारी संगठनों के अलावा लोग व्यक्तिगत तौर पर भी इस अभियान का हिस्सा बनते हैं । सिडनी के लोगों ने सब से पहले सन 2007 में अर्थ ऑवर अभियान के तहत ऊर्जा संरक्षण के लिए इसकी शुरुआत की थी ।वर्ल्ड वाइड फण्ड फॉर नेचर(WWF) और अन्य स्वयंसेवी संगठनों द्वारा समन्वित, अर्थ आवर की सबसे बड़ी ताकत लोगों की शक्ति है। अर्थ ऑवर लोगों के लिए जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाही करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा जमीनी स्तर का आंदोलन है।इसके द्वारा पर्यावरण सुरक्षा तथा जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के प्रति प्रतिबद्धता प्रकट की जाती है ।

 

2 अल्ट्रावायलेट रेडिएशन

(Ultraviolet Radiation)

अल्ट्रावायलेट रेडिएशन/पराबैंगनी विकिरण सौर विकिरण स्पेक्ट्रम का हिस्सा है। यह एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण है।इसे एक्स-रे और दृश्यमान प्रकाश के बीच(10 से 400 नैनोमीटर के बीच की दैर्ध्यतरंग) के विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में परिभाषित किया जाता है।पराबैंगनी (यूवी) विकिरण सभी भौतिक पहलुओं में दृश्यमान प्रकाश के समान है,लेकिन यह हमें चीजों को देखने में सक्षम नहीं करती।दृश्य प्रकाश हमें चीजों को देखने में सक्षम बनाता है और उन रंगों से बना होता है जिन्हें हम इंद्रधनुष में देखते हैं।पराबैंगनी क्षेत्र इंद्रधनुष के बैंगनी अंत के ठीक बाद शुरू होता है।  पराबैंगनी विकिरण  में दृश्यमान प्रकाश की तुलना में छोटी तरंग दैर्ध्य (उच्च आवृत्तियाँ) लेकिन  एक्स-रे की तुलना में इसमें लंबी तरंगदैर्ध्य (कम आवृत्तियाँ) होती हैं।  सूरज की रोशनी  पराबैंगनी विकिरण का सबसे बड़ा स्रोत है। मानव निर्मित पराबैंगनी स्रोतों में कई प्रकार के यूवी लैंप, आर्क वेल्डिंग और पारा वाष्प लैंप शामिल हैं।

 

3 अवमल (Sludge)  

वाहित मल-जल का ठोस अंश अवमल कहलाता है जो प्राय: मल – जल में से नीचे बैठ जाता है। इसमें कार्बन, नाइट्रोजन तथा फास्फोरस की प्रचुर मात्रा होने से इसे सुखाकर खाद के रूप में प्रयोग में लाते हैं। किंतु विषैली एवं भारी धातुओं की अधिकता होने पर इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।

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अपशिष्ट भराव क्षेत्र

(Landfill)

 

ऐसा भू-क्षेत्र जहां कूड़ा-कचरा भरा जाता है और उसे मिट्टी की नई सतह से ढक दिया जाता है । यह बड़ी मात्रा में कचरे से छुटकारा पाने की प्रक्रिया है जिसके तहत एक पूर्व नियोजित क्षेत्र में कूड़े – कचरे को जमीन में दफन किया जाता है ।

5 अवसाद

(Sediment)

 

अवसाद / तलछट वे ठोस पदार्थ हैं जो जल में घुले-मिले होते हैं और नए स्थान पर स्थानांतरित और एकत्रित होते रहते हैं। ये प्राय: तली में बैठ जाते हैं जैसे मिट्टी के सूक्ष्म कण, धूल, राख, गाद आदि । इसमें चट्टानों और खनिजों के साथ-साथ पौधों और जानवरों के अवशेष शामिल हो सकते हैं। अवसाद / तलछट  रेत के दाने जितना छोटा या बोल्डर जितना बड़ा हो सकता है।   

6 अवसादन

(Sedimentation)

 

 

 

किसी तरल (द्रव या गैस) में उपस्थित कणों का तल पर आकर बैठ जाना अवसादन या तलछटीकरण कहलाता हैं। अवसादन, तरल में निलम्बित कणों पर लगने वाले गुरुत्व बल या अपकेन्द्री बल के कारण होता है। भूविज्ञान में अवसादन को प्रायः अपरदन की विपरीत क्रिया माना जाता है। झीलों और नदियों में, अवसादन कभी-कभी वहाँ रहने वाले जीवों के लिए समस्या पैदा कर सकता है। अवसादन के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह भूवैज्ञानिकों को पीछे छोड़ दिए गए सुरागों से झीलों, नदियों और चट्टानी क्षेत्रों के बारे में बहुत कुछ बता सकता है। अतीत के अवसादन से चट्टानों में तलछट की परतें धाराओं की कार्रवाई दिखाती हैं, जीवाश्मों को प्रकट करती हैं, और मानव गतिविधि का प्रमाण देती हैं।

7 आघात तरंगें

(Shock waves)

 

आघात तरंगें अनिवार्य रूप से गैर-रेखीय तरंगें होती हैं जो सुपरसोनिक (पराध्वनिक) गति से फैलती हैं। ऊर्जा के अचानक निस्तारण के परिणामस्वरूप आघात तरंगों का निर्माण होता है। इस तरह की गड़बड़ी स्थिर ट्रांसोनिक या सुपरसोनिक प्रवाह में होती है यथा विस्फोट, भूकंप, हाइड्रोलिक जम्प और बिजली के झटके के दौरान। आघात तरंगें मूलत: बड़े आयाम वाले दाब तरंगें (प्रेशर वेव्स) होते हैं।

8 आधारभूत प्रजाति

(Keystone Species)

 

 

आधारभूत प्रजाति एक जीव है जो संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को परिभाषित करने में मदद करता है।  इनके बिना, पारिस्थितिक तंत्र नाटकीय रूप से अलग होगा या पूरी तरह से अस्तित्व में नहीं रहेगा। कोई भी जीव, पौधों से कवक तक, एक कीस्टोन प्रजाति हो सकता है। ये हमेशा एक पारिस्थितिकी तंत्र में सबसे बड़ी या सबसे प्रचुर प्रजाति नहीं होते हैं। हालांकि, आधारभूत प्रजाति के लगभग सभी उदाहरण ऐसे जानवर हैं जिनका खाद्य जाल पर बहुत अधिक प्रभाव है। आधारभूत प्रजातियां समुदाय की संरचना और अखंडता को बनाए रखते हुए कई पारिस्थितिक समुदायों में एक ही भूमिका निभाती हैं।ऐसी प्रजातियाँ एक समुदाय के भीतर स्थानीय जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करती हैं या तो अन्य प्रजातियों की आबादी को नियंत्रित करती हैं जो कि समुदाय पर हावी होती हैं या प्रजातियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए महत्वपूर्ण संसाधन प्रदान करती हैं।

9 आयनमंडल

(Ionosphere)

 

आयनमंडल पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल का वह हिस्सा है जहां चरम अल्ट्रा वायलेट (ईयूवी) और एक्स-रे सौर विकिरण परमाणुओं और अणुओं को आयनित करता है और इलेक्ट्रॉनों की एक परत बनाता है। इस मंडल में विद्युत आवेशित कण पाये जाते हैं, जिन्हें आयन कहते हैं तथा इसीलिए इसे आयनमंडल के नाम से जाना जाता है। इसका विस्तार लगभग 80 से 600 किमी के बीच है यहाँ पर ऊँचाई बढ़ने के साथ ही तापमान में वृद्धि शुरू हो जाती है।आयनमंडल महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संचार और नेविगेशन के लिए उपयोग की जाने वाली रेडियो तरंगों को प्रतिबिंबित (रिफ्लेक्ट) और संशोधित (मॉडिफाई) करता है। अन्य घटनाएँ जैसे ऊर्जावान आवेशित कण और ब्रह्मांडीय किरणें भी एक आयनीकरण प्रभाव डालती हैं और आयनमंडल में योगदान करती हैं।

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आर्द्रतामापी

(Hygrometer)

 

आर्द्रतामापी एक उपकरण है जिसका उपयोग हवा में जल वाष्प की मात्रा या आर्द्रता को मापने के लिए किया जाता है। कई हाइग्रोमीटर उत्पाद तापमान को भी मापते हैं। आर्द्रतामापी और तापमान दोनों को मापने वाले हाइग्रोमीटर को अक्सर थर्मो-हाइग्रोमीटर कहा जाता है।

 

– पूजा सुन्डी

सहायक प्रबंधक ( पर्या. )

पर्यावरण शब्दकोष (1)