Picture source= https://www.researchgate.net/figure/A-female-Mithun-Bos-frontalis-in-her-natural-habitat_fig2_345850491

 

 

गेयल (बोस फ्रंटलिस – Bos frontalis) जिसे मिथुन या ड्रंग ऑक्स के नाम से भी जाना जाता है, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश का राज्य पशु है। यह बोविडी परिवार से संबंधित एक लुप्तप्राय जुगाली करने वाली प्रजाति (ruminant species) है, जो पूर्वी हिमालय में पाया जाता है। इसे ‘हाईलैंड्स का जहाज’ और ‘पहाड़ों के मवेशी’ के रूप में भी जाना जाता है। असमिया में, मिथुन को ‘मेथन’ कहा जाता है, इसे अरुणाचल प्रदेश में ‘एसो’ या ‘होहो’ या ‘सेबे’ कहा जाता है, मिज़ोरम में इसे ‘सियाल’ कहते हैं ।यह मणिपुर में ‘सैंडंग’ या ‘वी’ तथा मणिपुर की नागा जनजातियों के बीच ‘सीज़ंग’ के नाम से प्रचलित है। मिथुन पालन एक महत्वपूर्ण परंपरा है जो उत्तर-पूर्व भारत में स्थायी आजीविका से जुड़ी हुई है।

 

मिथुन की उत्पत्ति

ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति 8000 साल से भी पहले हुई है। मिथुन को नागा जनजातियों के ‘Ceremonial Ox’ के रूप में वर्णित किया गया है और भारत-म्यांमार सीमा को मिथुन की उत्पत्ति का स्थान बताया गया है। इसकी उत्पत्ति जंगली गौर (बॉस गौरस) या भारतीय बाइसन के प्रत्यक्ष पालतू जानवरों से भी मानी जाती है।

 

भारत में मिथुन की संख्या

पशुधन गणना, 2019 के अनुसार, मिथुन की संख्या ने पूर्ववर्ती गणना (2012) की तुलना में 26.66% की वृद्धि दर्ज की है और देश में कुल मिथुन संख्या लगभग 3.8 लाख है। अरुणाचल प्रदेश में सबसे अधिक मिथुन आबादी (लगभग 3.5 लाख) है, इसके बाद नागालैंड (लगभग 23 हजार), मणिपुर (लगभग 0.9 हजार) और मिजोरम (लगभग 4 हजार) है।

 

विशेषताएं

मिथुन की विशेषता इसका बड़ा सिर, भारी शरीर के साथ मजबूत पैर है। माथा आमतौर पर चौड़ा और अवतल होता है। मिथुन विभिन्न रंगों में पाया जाता है लेकिन काला सबसे प्रचुर रंग है। मिथुन के नवजात बछड़े, सुनहरे पीले और भूरे रंग के होते हैं, हालांकि, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वे गहरे काले से गहरे भूरे रंग के हो जाते हैं। मिथुन में कूबड़ अनुपस्थित होता है और साथ ही, घरेलू मवेशियों की तुलना में इसकी पूंछ और पैर छोटे होते हैं। इसके कान चौड़े एवं ओसलेप बड़े आकार के होते हैं। 4-5 साल की उम्र के वयस्क मिथुन के शरीर का औसत वजन आमतौर पर 400-500 किलोग्राम होता है। भारत में मिथुन का अधिकतम जीवन काल लगभग 15 वर्ष दर्ज किया गया है। मिथुन ठंडी जलवायु पसंद करता है तथा एक शाकाहारी जानवर है जो घास, झाड़ियां एवं जंगली पत्ते खाता है। उत्तर पूर्व भारत के किसान पहाड़ी, झाड़ीदार जंगलों में समुद्र तल से 1000 से 3000 मीटर की ऊँचाई पर मिथुन का पालन करते हैं।

 

मिथुन का सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व

मिथुन का संबंध आदिवासी संस्कृति से है और कुछ प्राचीन लोककथाओं में मिथुन को सूर्य का वंशज माना गया है। यह स्थानीय जनजातीय आबादी के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अरुणाचल प्रदेश के पारंपरिक लोग, इदु मिश्मी तथा आदि लोग मिथुन को पवित्र मानते हैं। उनके लिए मिथुन का मालिक होना परिवार की संपत्ति, समृद्धि और समाज में श्रेष्ठता का प्रतीक माना जाता है। वे न तो मिथुन का दूध पीते हैं और न ही उससे कोई काम करवाते हैं, बल्कि वे मिथुन की देखभाल करते हैं और उसे अपने बच्चे की तरह मानते हैं। वे मिथुन को तब तक जंगल में चरने देते है जब तक कि वे अनुष्ठान या स्थानीय उपभोग के लिए उनका प्रयोग नहीं करते। एक वयस्क मिथुन की औसत कीमत ₹ 60,000-80,000 से लेकर ₹ 1,000,000 रुपए तक होती है। यह परिवार के लिए विवाह फिक्सर भी हैं! दूल्हे के परिवार को शादी तय करने के लिए दुल्हन के परिवार को कम से कम एक मिथुन देना होता है। इसे दुल्हन की कीमत और मुआवजे के रूप में दिया जाता है। इनका मांस विवाह समारोहों, सामुदायिक दावत और अन्य महत्वपूर्ण समारोहों में बहुत ही लोकप्रिय होता है। इस धरती पर मिथुन के जन्म और आगमन के अनुरूप अरुणाचल प्रदेश की आदि जनजातियों द्वारा प्रतिवर्ष ‘सोलुंग’ उत्सव मनाया जाता है। ऐसे त्योहारों के दौरान जानवर की बलि दी जाती है और उनका मांस खाया जाता है।

 

वर्तमान स्थिति

शिकार और आवास परिवर्तन के कारण इनकी आबादी में गिरावट आ रही है। यह प्रजाति घरेलू पशुओं की बीमारियों जैसे खुर और मुंह की बीमारी एवं रिंडरपेस्ट के लिए भी अतिसंवेदनशील है। यह रोग घरेलू मवेशियों द्वारा फैलते हैं जिन्हें चरने के लिए इनके आवास में ले जाया जाता है। जंगल में प्रजातियों का संरक्षण इसके अस्तित्व और आनुवंशिक विविधता के लिए आवश्यक है।

 

 

– डा. अनुराधा बाजपेयी
समूह वरिष्ठ प्रबंधक (पर्यावरण)
पर्यावरण एवं विविधता प्रबंधन विभाग

संदर्भ:
• http://epao.net/epSubPageExtractor.asp?src=education.Jobs_Career.Status_and_prospects_of_Mithun_farming_in_NE_India_By_ICAR_Dimapur
• https://byjus.com/currentaffairs/mithun/#:~:text=Mithun%20animal%20is%20the%20state,%2C%20China%2C%20Bangladesh%20and%20Myanmar.
• Apum, N; Nimasow, G; Nimasow, O; Bapu, T; Bushi, D: Population Status and Conservation Efforts of Bos frontalis (Mithun) in Adi Tribe Inhabited Areas of Arunachal Pradesh, India. NGJI, An International Peer-Reviewed Journal. Vol. 66, No. 1, March 2020 pp- 59-68.
• https://nrcmithun.icar.gov.in