पर्यावरण एवं विविधता प्रबंधन विभाग की दो दिवसीय (28 फरवरी से 1 मार्च, 2019) वार्षिक बैठक का उद्घाटन सत्र निगम मुख्यालय (नीर शक्ति सदन, पंचम तल सभागार) में सम्पन्न हुआ, इस अवसर पर माननीय अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदय श्री बलराज जोशी, निदेशक तकनीकी श्री जनार्दन चौधरी, कार्यपालक निदेशक (पर्यावरण एवं विविधता प्रबंधन) श्री ए के मिश्रा, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) श्री अविनाश कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री संजय साराभाई, मुख्य महाप्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) श्रीमती सावित्री श्रीवास्तव सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी समुपस्थित थे। उद्घाटन सत्र में निगम मुख्यालय, विभिन्न परियोजनाओं/ पावरस्टेशनों में पदस्थ पर्यावरण क्षेत्र में कार्यरत अधिकारी ही नहीं अपितु एनएचडीसी एवं सीवीपीपी  के पर्यावरण अधिकारियों ने भी प्रतिभागिता की।

 

उद्घाटन सत्र में अपना स्वागत उद्बोधन देते हुए श्री ए के मिश्रा, कार्यपालक निदेशक (पर्यावरण एवं विविधता प्रबंधन) ने पिछले एक वर्ष के दौरान निगम की पर्यावरण क्षेत्र में हासिल की गयी उपलब्धियों का विवरण  प्रस्तुत किया। साथ ही सभी पर्यावरण अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपने तकनीकी ज्ञान का प्रयोग उन्हें निगम को नवीन पहल और दृष्टिकोण प्रदान करने के लिये करना चाहिये। निदेशक (तकनीकी) श्री जनार्दन चौधरी ने कहा कि समयपर्यंत पर्यावरण की नीतियों में जटिलता आती जा रही है ऐसे में निगम के पर्यावरण विभाग का दायित्व बढता जा रहा है। उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं में संचालित पर्यावरण प्रवाह (ई-फ्लो), मत्स्य प्रबंधन, अपशिष्ट प्रबंधन जैसे पहलुओं पर भी प्रकाश डाला।

 

इस अवसर पर एनएचपीसी के ब्लॉग और उसके पर्यावरण पृष्ठ का अनावरण माननीय अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदय द्वारा किया गया। अनावरण से पूर्व मुख्य महाप्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) श्रीमती सावित्री श्रीवास्तव ने एनएचपीसी ब्लॉग के तकनीकी पहलुओं एवं उसकी आवश्यकता पर एक तकनीकी प्रस्तुतिकरण दिया।

 

कार्यक्रम में अपना अध्यक्षीय उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए माननीय अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक श्री बलराज जोशी ने प्रसन्नता जाहिर की कि पर्यावरण विभाग के ब्लॉग का आरम्भ किया जा रहा है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए यह अपेक्षा जतायी कि इस ब्लॉग के माध्यम से निगम के पर्यावरण प्रिय कार्यों के साथ ही समस्त उपलब्धियों का समुचित रूप से प्रचार प्रसार होगा एवं इस सोशल माध्यम से हम अपने कार्यों और विचारों को वैश्विक पटल पर सामने रख सकेंगे। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि निगम के पास एक कुशल पर्यावरण की टीम है। पर्यावरण के क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों के लिये उन्होंने विभाग की सराहना की एवं वार्षिक पर्यावरण बैठक को आयोजन के लिये शुभकामनायें प्रदान कीं। कार्यकम में धन्यवाद ज्ञापन महाप्रबंधक (पर्यावरण) डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी ने प्रस्तुत किया।

 

उद्घाटन सत्र के पश्चात विभिन्न तकनीकी सत्र दो दिवस तक सम्पन्न हुए जिसमे निम्नानुसार विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किये: –

 

क्रम विषय व्याख्याता
1. Challenges of Disaster Risk Reduction for Development Planning in a Multi Hazard Ecosystem and the Way Forward डॉ. आर के भण्डारी

आई आई रुडकी के विजिटिंग प्रोफेसर, ईराक में युनाईटेड नेशन हैबिटाट के पूर्व कार्यक्रम निदेशक होने के साथ साथ आपदा प्रबंधन पर जाने माने विशेषज्ञ

2. Policy Framework and Post Construction Monitoring in Hydropower Sector डॉ. एस केरकेट्टा

निदेशक (आईए), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

3. Sustainable Development Goals and their Significance in Hydropower Projects श्री आनंद कुमार

यूएनडीपी के पूर्व राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रबंधक तथा वर्तमान में आईपीई ग्लोबल के संयुक्त निदेशक

4. Use of Geo-informatics in Environmental Management and Social Impact Assessment in Hydropower Projects. डॉ. पी के जोशी

प्राध्यापक, स्कूल ऑफ़ एन्वायरन्मेन्टल  साईंस/ स्पेशल सेंटर फॉर डिजास्टर रिसर्च, जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय

5. Forest Clearance related issues in development of Hydropower Projects including FRA श्री संदीप शर्मा

सीनियर एआईजी (एफ सी), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

6. Climate Change – Challenges and Opportunity in Hydropower Sector डॉ. एस सतपथी

पूर्व निदेशक, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

तकनीकी सत्रों के पश्चात अंतिम सत्र में कार्यपालक निदेशक (पर्यावरण एवं विविधता प्रबंधन), श्री ए के मिश्रा की अध्यक्षता एवं महाप्रबंधक डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी की उपस्थिति में सभी निगम मुख्यालय/ परियोजनाओं/ पावर स्टेशनों/ एनएचडीसी एवं सीवीपीपी से आये पर्यावरण अधिकारियों ने अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम के सभी सत्रों में मंच संचालन तथा अंतिम सत्र में धन्यवाद ज्ञापन उप-महाप्रबंधक (पर्यावरण) श्री गौरव कुमार ने किया।