क्षेत्रीय कार्यालय, बनीखेत

क्षेत्रीय कार्यालय बनीखेत में  विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया |कार्यक्रम में पौधारोपण के साथ सन्देश दिया गया कि विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना तथा लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना है । जैव विविधता को बनाए रखने के लिए  धरती के पर्यावरण का संरक्षण महत्वपूर्ण है। प्रकृति के साथ सद्‍भाव में रहना ही धरती पर भयावह स्थिति से बचने का एकमात्र तरीका है तथा अधिक से अधिक वृक्ष लगा के प्रकृति को हरा–भरा बनाए रखने में योगदान देना चाहिए ।

 

क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़

क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ में विश्व पर्यावरण दिवस, कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी के सभी मानदंडों को ध्यान में रखते हुए मनाया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के आवासीय परिसर सेक्टर 42 ए में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया एवं समस्त अधिकारियों द्वारा पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया गया।

 

 

क्षेत्रीय कार्यालय, जम्मू

क्षेत्रीय कार्यालय जम्मू में उत्साह के साथ विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन किया गया। पौधारोपण के द्वारा पर्यावरण को और बेहतर करने की दिशा में जागरूकता फैलाई गई। पर्यावरण संरक्षण सबका कर्तव्य है। घरों में छोटे-छटे इनडोर पौधे लगाकर भी वातावरण को स्वच्छ बनाए रखा जा सकता है। पर्यावरण के अनुकूल पौधे लगा के उन पौधों का ध्यान रखना भी जरूरी है। उपस्थित लोगों को वृक्षारोपण के महत्व के बारे में बताते हुए आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने हेतु प्रेरित किया गया।

 

 

Regional Office , Siligudi

‘World Environment Day, 2020’ was observed in Regional Office (RO), Siliguri with the Theme, ‘Celebrating Biodiversity’ which signifies a concern that is both urgent and existential in the context of COVID-19, the extant global disease pandemic. ‘Celebrating Biodiversity’ demonstrates the interdependence of humans and the webs of life, in which they exist. 

 

Environment Day was observed in RO, Siliguri in ‘Miyawaki’ way by initiating forestation in the campus of RO in a unique way. ‘Miyawaki’ is a technique pioneered by Japanese Botanist Shri Akira Miyawaki helping to build dense and native forest in Urban areas by planting native species in a selected area. After the initial care, the plantation becomes maintenance-free after three years. The occasion, highlighted the uniqueness of ‘Miyawaki’ Method and gave thrust on NHPC’s commitment towards Environment. A total of 176 Saplings were planted and the varieties of plants used to form canopies of varied heights (Long, Medium and Short) were, Bakul (Mimusops Elengi) , Amla (Phyllanthus Emblica), Guava (Psidium Guajava) , Neem (Azadirachta Indica) and Tagar (Valeriana Jatamansi) respectively.