विश्व पर्यावरण दिवस हर वर्ष 5 जून को मनाया जाता है। भारत में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा घोषित विशेष थीम पर केंद्रित कर विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन को विस्तार प्रदान करता है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का विषय ‘वायु प्रदूषण’ था। इसी क्रम में उल्लेखनीय है कि वायु प्रदूषण की समस्या से निदान पाने के दृष्टिगत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 10.01.2019 को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) का आरम्भ किया है। यह एक मध्यमकालिक पंचवर्षीय कार्ययोजना है जिसमें 102 शहरों में पीएम 2.5 और पीएम 10 (सूक्ष्म धूल कण) के स्तर में 20-30 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी करने के लक्ष्य रखे गये हैं।
भारत में वायु प्रदूषण की रोकथाम के अनेक प्रयास सतत रूप से किये जाते रहे हैं। औद्योगिकरण के कारण पर्यावरण में निरंतर दूषित हो रही वायु तथा इसकी रोकथाम के लिए वायु (प्रदूषण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 अस्तित्व में आया। वायु प्रदूषण के स्रोतों जैसे उद्योगों, वाहनों, बिजलीघरों आदि को निर्धारित सीमा से अधिक कणपदार्थ, सीसा, कार्बन मोनोआक्साइड, सल्फर डाइआक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड, वाष्पशील कार्बन यौगिक या अन्य विषैले पदार्थ निस्तारित न करने देने के प्रावधानों सहित इसके लिये मानकों का निर्धारण किया गया। वायु प्रदूषण पर बहुत कुछ कहा जा सकता है परंतु आवश्यकता है कि रोकथाम पर विमर्श आरम्भ हो। प्रत्येक व्यक्ति पहल करे, वायु प्रदूषण को कम करने का न्यूनतम प्रयास अवश्य करे। अगर हम चेहरे पर मास्क लगा कर अथवा कंधे पर ऑक्सीजन सिलिंडर को ढोती हुई नयी पीढी नहीं चाहते तो हमें इस महति उद्देश्य के लिये आगे आना ही होगा।
यह हर्ष का विषय है की निगम मुख्यालय, सभी क्षेत्रीय कार्यालयों एवं परियोजनाओं/ पावरस्टेशनों मे विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम हुए एवं इस अवसर को सोल्लास मनाया गया। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मेरी ओर से सभी का हार्दिक अभिनन्दन तथा बधाई।
(अरुण कुमार मिश्रा)
कार्यपालक निदेशक (पर्यावरण एवं विविधता प्रबंधन)
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आवरण चित्र साभार: https://wbmfoundation.org/blog/world-environment-day-theme-2019–air-pollution
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