लक्षद्वीप के पर्यावरण पर मनभावन पेटिंग्स
गांधीनगर में आयोजित वैश्विक समिट काप-13 में अन्य कार्यक्रमों के अतिरिक्त पर्यावरण के लिए काम करने वाली विभिन्न संस्थाओं-एजेंसियों-पीएसयू और एनजीओ के कार्य का प्रदर्शन किया गया था। एक प्रभावित करने वाला स्टाल, वन विभाग लक्षद्वीप का था। लक्षद्वीप, अरब सागर में अवस्थित 36 द्वीपों वाला, भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश है। जनसंख्या के मामले में यह भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है। इसकी राजधानी करावती है। यहां का प्रशासन भारत सरकार द्वारा नियुक्त राज्यपाल द्वारा देखा जाता है। यह प्रदेश लगभग 32 वर्ग किमी में फैला हुआ है। यहां की लगभग 97 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समुदाय की है (विकीपीडिया हिन्दी)।
लक्षद्वीप वन विभाग के स्टाल पर पर्यावरण जागरूकता प्रसारित करने के लिए फोटोग्राफ के स्थान पर अलग ही रचनात्मकता का सहारा लिया गया था। यहां लक्षद्वीप के पर्यावरण पर केंद्रित पेंटिंग प्रदर्शित की गयी थी। ये पेंटिंगस न केवल प्रदर्शनी का आकर्षक बना रही थी बल्कि देखने वालों को लक्षद्वीप का पर्यावरण समझने और उसके संरक्षण के लिये प्रतिबद्ध होने के दृष्टिगत बाध्य भी कर रही थी। पेटिंगस देखकर समझा जा सकता है कि कैसे अरब सागर में केरल के समुद्र तट से चार सौ किमी तक विशाल समुद्र एक तरणताल जैसा लगता है। प्रवाल की चट्टानों ने लक्षद्वीप समूह के पश्चिमी किनारे को सुंदर झीलों में परिवर्तित कर दिया है। यहां साफ, स्वच्छ नीले जल में मूंगे की चट्टानों व समुद्री जीवों, जलीय जन्तु, पोधै और रंगबिरंगी मछलियों की सुंदर चित्ताकर्षक झांकी देखने को मिलती है। लक्षद्वीप देश का एकमात्र शैलमाला द्वीप है। यहां पर दूर-दूर तक चांदी की तरह चमचमाते बालू के किनारे तथा नारियल के वृक्ष की सघन कतारें हैं। ज्ञातव्य हैं कि लक्षद्वीप लगभग 36 द्वीपों की श्रृंखला का नाम है, इनमें परस्पर मीलों का अंतर है। लक्षद्वीप के केवल दस द्वीपों में ही जन-जीवन है। मिनीकाय द्वीप सबसे बडा द्वीप है और इसके समीप सबसे बडा समुद्र तल हैं। इसे महिला द्वीप भी कहा जाता हैं, क्योंकि यहां का समाज मातृ सत्तात्मक प्रणाली पर संचालित है।
गौरव कुमार, उप-महाप्रबंधक पर्यावरण
राजीव रंजन प्रसाद, वरिष्ठ प्रबंधक पर्यावरण
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संकलन: वैश्विक समिट काप – 13 में प्रदर्शित प्रवासी जीव जगत पर केंद्रित कार्यो, मॉडलों तथा तस्वीरों के आधार पर।
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