उपरोक्त तस्वीर एनएचपीसी के तीस्ता लो डैम -III एवं IV परियोजनाओं, के लिए स्थापित ऑर्किडेरियम में खींची गई है। ऑर्किडेरियम एक संरक्षित क्षेत्र है जो ऑर्किड की विभिन्न किस्मों ( लुप्तप्राय व अन्य ) के लिए वांछित पर्यावरणीय परिस्थितियाँ प्रदान करता है ताकि वे बहुतायत से विकसित हो सकें। यह ऑर्किडेरियम वन्यजीव/जैव विविधता संरक्षण योजना के अंतर्गत ‘रियांग, दार्जलिंग जिला, पश्चिमी बंगाल’ में विकसित किया गया है। ऑर्किडेसिअ (आर्किड प्रजाति) फूल – पौधों के सबसे बड़े परिवारों में से एक है और इसकी कई प्रजातियां हर्बल दवाओं और बागवानी उद्योग के लिए अत्यधिक मूल्यवान हैं। यह प्राय: भूमि पर अथवा दूसरे पेड़ों पर आश्रय ग्रहण कर उगते हैं। ऑर्किड जो पेड़ की सतहों पर बढ़ते हैं, प्रकाश की तरफ ऊपर की ओर चढ़ते हैं, उन्हें अधिजीविक (एपिफाइट्स) कहा जाता है। उनकी उजागर, वायवीय जड़ें हवा और उनके आसपास की जैविक सतहों से नमी और पोषक तत्व इकट्ठा करती हैं। किसी भी समूह के फूल-पौधों में इतने विविध रूप नहीं हैं जितने और्किडों में। वास्तव में इनके फूल की तथा अन्य भागों के रूपांतरण ने इन्हें इतना भिन्न बना दिया है कि ये साधारण एकदली फूल जैसे लगते ही नहीं हैं। और्किडों के फूल चिरजीवी होने के लिए प्रसिद्ध हैं।इसे ” प्रकृति के नायब तोहफों ” में से एक कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी।
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